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स्वास्थ्य शब्द सुनते हम सभी के ख्याल में शारीरिक स्वास्थ्य ही आता हैं। पर हम भूल जाते हैं की एक स्वस्थ्य जीवन जीने के लिए अच्छा मानसिक स्वास्थ्य भी अनिवार्य हैं। सेहतमंद शरीर के लिए अच्छी मानसिक सेहत बहुत ज़रूरी हैं। आज भी हमारे समाज में मानसिक परेशानियों के बारे में खुल कर कोई बात नहीं करता हैं। यही वजह हैं की डिप्रेशन जैसी मानसिक बिमारियों से जुडी हुयी गलत धारणाओं से हम आज भी लड़ रहे हैं।

मानसिक परेशानियाँ के मामले आये दिन बढ़ते जा रहे हैं। ज़रूरी है सही समय पर उचित मदद मिलना। आज कल की भाग दौड़ भरी ज़िन्दगी में तनाव होना एक आम बात हो गयी है। बहुत बार तनाव गंभीर रूप ले लेता हैं। इस जल्दबाज़ी की ज़िन्दगी में किसी के भी पास इतना समय नहीं होता हैं कि वह दूसरे के दुःख-दर्द बांट सके। ध्यान देने वाली बात यह है कि बुरी मानसिक सेहत बस हमारे मूड या मन को ही ख़राब नहीं करती हैं बल्कि शारीरिक सेहत पर भी बुरा असर दालती हैं। इसे नजरअंदाज़ करना भारी पड़ सकता है।  

शांत मन अच्छे स्वास्थ्य के लिए अतिआवश्यक हैं। शारीरिक और मानसिक सेहत में सही संतुलन बनाना खुशहाल जीवन के लिए अनिवार्य हैं। हम सभी को अपना ख्याल रखना चाहिए। छोटे पर ज़रूरी बदलाव अपने जीवनशैली और दिनचर्या में लाने से बहुत फर्क पड़ सकता हैं। आईये कुछ ऐसे ही तरीकें जाने और एक स्वस्थ्य और खुशहाल जीवन की तरफ मुस्कुराते हुऐ कदम बढ़ायें।

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अच्छे स्वास्थ्य की नींव है स्वस्थ मन- जाने कुछ उपाये

हम सभी को एक बात सदा याद रखनी चाहिए कि हम अपनी सेहत के रचयता हैं। हम अपनी आदतों में बदलाव लाकर स्वस्थ्य और लम्बा जीवन जी सकते हैं। ऐसे ही कुछ नुस्खें नीचे दियें गए है। इन उपायों से हमें मानसिक परेशानियों को सही तरह से समझने और खुद का ख्याल रखने में मदद मिलेगी।


व्यायाम को अपने रोजमर्या का एक भाग बना ले – 
थोड़ा सा ध्यान अपनी सेहत पर देने से हम अपने जीवन में बहुत फर्क ला सकतें हैं। रोज़ व्यायाम सिर्फ शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक सेहत का भी ख्याल रखता हैं। योग, स्वीमिंग, वॉक, जौगींग, डांस आदि हमारे पास बहुत सारे तरीकें उपलब्ध हैं, बस उन्हें अपने जीवनशैली में शामिल करें। अपने पसंद के व्यायाम करें। 

खुद को महत्व दें – चाहे आप जितने भी व्यस्त हों, अपने लिए रोज़ आधा घंटा ज़रूर निकालें। इस समय सिर्फ वह करें जो आपको अच्छा लगता है। अपनी इच्छाओं को महत्व दें।  ज़्यादतर, परिवार की ज़िम्मेदारियाँ और ऑफिस की भाग दौर में हम खुद को भूल जाते हैं। यह एक बहुत बड़ा कारण है कि लोग डिप्रेशन, उदासी, निराशावाद और खालीपन से जूझ रहे हैं । अपनी क़ाबलियत पर विशवास जीवन की हर परेशानी से लड़ने में मदद करता हैं। इसलिए बहुत ज़रूरी हैं की हम खुद पर विश्वास रखें।

ज़्यादा से ज़्यादा मुश्कुरायें – जीवन छोटे छोटे पलों से ही बनता हैं उन्हें ऐसे ही ना बीत जाने दे। नए दोस्त बनाएं, अपने चाहने वालों के साथ समय बिताएं, छुट्टियों पर जाएं, अपने मन पसंद की चीज़ें करें। ख़ुशी जीवन की सारी परेशानियों को आधा कर देती हैं। 

सकारात्मक सोच वाले लोगो के साथ रहे – जीवन का दूसरा नाम ही उतार चढ़ाव है। हम सभी को प्यार और ख्याल की ज़रूरत होती हैं। इसलिए अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बीताना, अपनी मन की बातें करना आवश्यक होता हैं। उन लोगों के साथ समय व्यतीत करें जो आपको प्रेरित करते हैं और सही दिशा दिखते हैं। जीवन में निराशावादी दृष्टिकोण  वाले लोगों से दूर रहें।

ऐसी चीजें करें जो आपको खुश करें – चाहें आपकी दिनचर्या जितनी भी व्यस्त हो अपने लिए समय निकालें। अपने रूचि की चीज़ें करें। छुट्टी का दिन खुद के मन के हिसाब से बिताएं। जो चीज़ें करनी पसंद हो वह करें।

शराब का सेवन करने से बचें – उदासी और परेशानी में इंसान अक्सर शराब का सहारा लेता हैं और पता भी नहीं चलता कि वो कब शराब का गुलाम बन जाता हैं। इसलिए ज़रूरी हैं की आप इस बुरी आदत से बचें।

दूसरे लोगों से अपनी परेशानी बाटें – किसी भरोसेमंद व्यक्ति के साथ अपने विचार साझा करें। अगर आप किसी परेशानी से जूझ रहे है तो दोस्त या परिवार वालों के साथ अपने मन में क्या चल रहा है उसके बारे में बात करें। मानसिक परेशानियों को नज़रअंदाज़ न करें, समय पर सहीं मदद लें। 

जीवन का सफर उताव-चढ़ाव भरा हैं। इस सफर कर मज़ा लें और किसी भी मुश्किल से हार न माने। हमेशा जीवन की अच्छी चीज़ों पर ध्यान दे। आज ही खुद का ख्याल रखने का खुद से वादा करें।

रखें अपना ख्याल