ब्लड टेस्ट स्वास्थ्य पर नज़र रखने का एक अच्छा तरीका है। यह आपके स्वास्थ्य का अनुमान लगाने में मदद करता है। एक ब्लड टेस्ट केवल बीमारियों को पहचानने में भी नहीं; बल्कि उनसे बचने में भी मदद कर सकता है। अगर आप पहले से ही गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं, तो ब्लड टेस्ट उनकी निगरानी रखने का अच्छा तरीका होता है। आमतौर पर एक ब्लड टेस्ट में CBC टेस्ट, ब्लड ग्लूकोज़  टेस्ट, किडनी फंक्शन टेस्ट, लीवर फंक्शन टेस्ट, एच. डी. एल (HDL), एल. डी, एल (LDL) और लिपिड प्रोफाइल टेस्ट आदि शामिल होते है। हालांकि ब्लड टेस्ट के नतीजों को आपके डॉकटर ही अच्छे से समझ सकते हैं। लेकिन कुछ चीजें हैं जो आपको भी समझनी चाहिए ताकी आप बेहतर तरीके से अपनी रिपोर्ट को समझ सके। यहाँ हम ब्लड टेस्ट से जुड़ी ऐसी ही 7 बातों के बार में बात करेंगें। 

 

ब्लड टेस्ट के नतीजे उम्र और लिंग के अनुसार अलग हो सकते हैं

ब्लड टेस्ट के परिणाम उम्र, लिंग और आपकी सेहत के अनुसार भिन्न हो सकते हैं। शिशुओं, युवा लड़कियों, महिलाओं, पुरुषों और बुजुर्ग लोगों के लिए हीमोग्लोबिन का स्तर अलग अलग होता है। इसी तरह, बाकि के पैरामीटर भी अलग हो सकते है। ये कोई चिंता का विषय नहीं है।  

 

ब्लड टेस्ट के पॉजिटिव और नेगेटिव संकेत को समझे 

ऐसा ज़रूरी नहीं की ब्लड टेस्ट में पॉजिटिव संकेत अच्छी खबर हो। हेपेटाइटिस B या C, एच.आई.वी (HIV) परीक्षण, एनीमिया और मलेरिया जैसे बिमारिओं में नतीजे तब पॉजिटिव होते है जब वह वायरस आपके शरीर में मौजूद होते हैं। इसी तरह, एक निगेटिव संकेत हमेशा बुरी खबर नहीं होती है। उदाहरण के लिए, यदि आपका रक्त कुछ संक्रमण के लिए जांचा जा रहा हो, तो निगेटिव संकेत का मतलब है कि आप संक्रमित नहीं हैं।

 

बार-बार परीक्षण की आवश्यकता हो सकती है

नतीजों की पुष्टि करने के लिए आपका डॉकटर आपको दोबारा टेस्ट करवाने के लिए कह सकता है। कभी-कभी एक टेस्ट से बिमारिओं का पता नहीं चलता है, इसलिए आपका डॉक्टर आपको कुछ दूसरे तरह की टेस्ट करवाने का सुझाव दे सकते है। उदाहरण के लिए, CA125 आमतौर पर ओवेरियन कैंसर की जांच के लिए किया जाता है, हालांकि, यदि यह मासिक धर्म के दौरान किया जाए तो आपको अगर यह कैंसर न भी हो तब भी रिपोर्ट पॉजिटिव हो सकती है। इसलिए, एक और टेस्ट या अल्ट्रासाउंड करवाने की ज़रूरत पड़ सकती है।

 

Blood test results - Healthians

 

कुछ ब्लड टेस्ट के लिए उपवास की आवश्यकता होती है

आपके खाने में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फैट और अन्य पोषक तत्व होते हैं। यदि आप अपने ब्लड टेस्ट से पहले कुछ खाते हैं तो यह कुछ नतीजों को प्रभावित कर सकता है। उदाहरण के लिए, चीनी का सेवन आपके ब्लड ग्लूकोस के स्तर को प्रभावित कर सकता है। इसलिए कुछ ब्लड टेस्ट के सही नतीजों के लिए उपवास रखना जरुरी होता है।

 

अलग-अलग लैब में ब्लड टेस्ट के नतीजों में फर्क हो सकता है

हर लैब में पहले किए गए टेस्ट के आधार पर ही अन्य टेस्ट के नतीजे निकाले जाते है। लैब तकनीशियन आपके ब्लड टेस्ट की तुलना उस रेंज से करते हैं जिसे लैब के लिए माना जाता है। इसलिए, भिन्न भिन्न लैब के नतीज़ों की तुलना करना उचित नहीं है।

 

ब्लड टेस्ट दर्द भरे नहीं होते हैं 

हम में से कई लोग न केवल खराब रक्त परीक्षण परिणामों के कारण, बल्कि दर्द के कारण भी डरते हैं। हालांकि, अब कई तकनीकें हैं जो रक्त के नमूने को हटाने की प्रक्रिया को दर्द रहित बनाती हैं। यदि लैब ऐसी किसी तकनीक का उपयोग नहीं करती है, तो तकनीशियन फिर बिना किसी दर्द के रक्त के नमूने को निकाल लेते है। आप अधिक से अधिक प्रकाश चुभन महसूस करेंगे।

 

नमूने निकालने का समय भी नतीजो को प्रभावित कर सकता है

कुछ टेस्ट के मामलों में, खून का नमूना निकालने का समय भी नतीजों को प्रभावित कर सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि रक्त में कुछ तत्वों का स्तर भिन्न हो सकता है। उदाहरण के लिए, प्रोलैक्टिन का स्तर आमतौर पर सुबह अधिक होता है, इसलिए सुबह के प्रोलैक्टिन टेस्ट में आपको सही रिपोर्ट नहीं मिलेंगी।

आपके ब्लड टेस्ट के परिणाम आपकी जीवनशैली को बेहतर बनाने में मदद कर सकते है। इसलिए नियमित रूप से अपने स्वास्थ्य की जांच करवाएं और उसके साथ-साथ बीमारियों को भी रोके।

 

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