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दौड़ना व्यायाम करने और वज़न कम करने का सबसे आसान तरीका माना जाता है। यही कारण है जो ज़्यादातर लोग स्वस्थ रहने के लिए इसे अपनाते है। लेकिन इस व्यायाम में भी आपको थोड़ी सावधानियाँ बरतने की ज़रूरत है। ऐसा न करने से यह व्यायाम लम्बे समय में आपके लिए हानिकारक हो सकता है। अगर आप दौड़ने को अपनी जीवनशैली बनाना चाहते है तो इन बातों का ख्याल रखें और इसका पूरा लाभ लें। 

Running for beginners - Healthians

धीरे-धीरे अपनी गति बढ़ाएं 

जोश में आकर पहली ही बारी में लम्बी दौड़ न लगाएं। यह बात समझें की आपका शरीर इतनी मेहनत के लिए अभी तैयार नहीं है। आपको अपने शरीर को इस नयी जीवनशैली को अपनाने के लिए समय देने की ज़रूरत है। इसलिए छोटी-छोटी दौड़ से शुरुआत करें और मध्यम गति बनाए रखें। दौड़ के बीच में चलने में संकोच न करें। शुरुआत के लिए आप अपनी दौड़ की कुछ इस तरह योजना बना सकते है: 1 मिनट के लिए दौड़े और 2 मिनट के लिए चलें। जब यह आसान लगने लगे तो 2 मिनट के लिए दौड़े और 1 मिनट के लिए चलें। इसी तरह धीरे धीरे अपने चलने का समय कम करते रहें और दौड़ने का समय बढ़ाते रहे। 

दौड़ के लिए सही सतह चुने 

अक्सर दौड़ने की सतह को अनदेखा कर दिया जाता है। लेकिन जान लें की यह सतह आपके जोड़ो को प्रभावित करती है। जो लोग लम्बे समय से दौड़ रहे है वे यह बात मानेंगें की फुटपाथ पर दौड़ने में और घास पर दौड़ने में बहुत अंतर होता है। फुटपाथ तेज़ दौड़ के लिए आदर्श है और यहाँ पैर मुड़ने की सम्भावना कम होती है। वही दूसरी ओर घास पर दौड़ना आरामदायक हो सकता है लेकिन छुपे हुए पत्थरों के कारण जोखिम भी बना रहता है। पहाड़ों पर दौड़ना आपकी दौड़ में रोमांच ला सकता है और आपके दौड़ने की तकनीक को सुधरने में मदद कर सकता है। लेकिन यह उस व्यक्ति के लिए आदर्श नहीं है जो दौड़ना शुरू कर रहा हो। इसलिए अपने दौड़ के लक्ष्यों पर विचार करें और अपने लिए सही सतह चुने। 

Running shoes - Healthians

जूतों को महत्व दें 

ज़ाहिर है कि दौड़ने के लिए एक जोड़ी जूते की ज़रूरत है। आख़िरकार वे आपके पैरों को चोट से बचाते है। लेकिन ज़्यादातर लोग उच्च गुणवत्ता के जूतों की अहमियत को नहीं समझते है। लोगो को लगता है अगर जूते में अच्छी कुशन है तो वह उनके लिए सही है। लेकिन जूते की कुशन के आलावा भी कुछ चीज़ें होती है जिनपर ध्यान देने की आवश्यकता है। अपनी दौड़ के अनुसार सही जूते में सही कुशन चुनें। जूतों के वज़न की जाँच करें। और जूते के ड्राप को समझे। यह ड्राप इसलिए ज़रूरी है क्यूंकि यह जूते में आगे और पीछे के पैर में कुशन का अंतर है। आप एक अच्छी जूतों की दुकान पर जा सकते है जहा पर पेशेवर आपको आपकी ज़रूरत के मुताबिक सही जूते ढूंढ़ने में आपकी मदद कर सकते है। 

आराम करें 

याद रखें कि आराम के दिन उतने ही महत्वपूर्ण हैं जितने कि सक्रिय दिन। शुरुआत में हर दिन दौड़ पर जाना आकर्षक लग सकता है लेकिन वास्तव में शरीर को आराम की ज़रूरत होती है। हर दिन दौड़ पर जाकर आप अपने शरीर को सिर्फ थकाते है और उसे आराम का मौका नहीं देते है। ऐसा करने से आप अपने ज़ख़्मी होने की सम्भावना भी बढ़ाते है। इसलिए योजना इस प्रकार बनाए की आप हफ्ते में 3 से 4 दिन ही दौड़ पर जाए और उतना ही दौड़े जिसकी आपका शरीर अनुमति दें। बीच के दिनों में आप हलकी कसरते जैसे योग कर सकते है। इस तरह आप आराम के दिनों में भी सक्रीय रहेंगें। 

Running warm up - Healthians

शरीर के हर हिस्से को सक्रीय रखें 

शरीर का हर अंग एक दुसरे से जुड़ा होता है। यदि एक हिस्सा कमज़ोर हो जाए तो अन्य हिस्सों में भी चोट लगने की सम्भावना अधिक हो जाती है। इसलिए आपको अपने शरीर की हर मांसपेशियों को मज़बूत करने की आवश्यकता है। इसके लिए दौड़ के साथ साथ अन्य प्रकार के व्यायाम भी करें। तरह तरह की कसरतों को अपनी योजना में जोड़ें और हर अंग को सक्रीय रखें।

खाना- पीना सुधारें 

जब आप दौड़ते है तब आप प्रभावि रूप से कैलोरी जलाते है। इसकी वजह से आपको भूक ज़्यादा लगने लगती है। अगर आप खुद पर नियंत्रण नहीं करेंगे तो आप ज़रूरत से ज़्यादा खा लेंगे और इससे आपका वज़न कम होने के बजाए बढ़ेगा। अपनी मेहनत के फल को पाने के लिए आपको अपने खान-पान में सुधर लाने की ज़रूरत है। हाँ, शरीर की ज़रूरतों को पूरा करना ज़रूरी है लेकिन यह भी ध्यान रखें की आप जो भी खा-पी रहे है वह स्वस्थ हो। अपने आहार में स्वस्थ कार्ब्स और प्रोटीन की अधिक मात्रा रखें। शुगर का सेवन कम करें। इस बात का भी ध्यान रखें की दौड़ के ठीक पहले और बाद में भारी भोजन न करें। 

अपनी शारीरिक जाँच करवाएं 

नयी कसरत शुरू कर रहे हो या नयी डाइट, अपनी सेहत की जाँच करवाना हमेशा उचित सलहा है। आपका डॉक्टर आपको छोटे से छोटे स्वास्थ्य मुद्दों के बारे में बताएगा। कौनसी कसरत या डाइट आपके लिए अच्छी है और कौनसी नहीं, यह निश्चित करने में आपका डॉक्टर आपकी मदद करेंगे। कम से कम हर 6 महीने में अपनी शारीरिक जाँच करवानी चाहिए। इस तरह आप समय रहते हर स्वास्थ्य सम्बंधित मुश्किलों का हल निकाल पाएंगें। 

(इस आर्टिकल को  इंग्लिश में पढ़ें)