Contributed by – Healthians Team
क्या आपको जबड़े में या सर में लगातार दर्द रहता है? क्या आपके साथ रहने वाले लोग या आपका साथी यह शिकायत करता है की आप सोते समय अजीब आवाज़ निकालते है? अगर हाँ, तो हो सकता है की आप सोते समय दांत पीसते है। वैसे तो दांत पीसना काफी आम है, खासतौर पर बच्चों में। लेकिन सवाल यह है कि क्या दांत पीसने से सेहत को कोई नुकसान हो सकता है? आइए, इस प्रश्न का उत्तर ढूंढें।
दांत पीसना क्या होता है?
दांत पीसने को ब्रूक्सिस्म के नाम से भी जाना जाता है। यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें व्यक्ति अनजाने में अपने दांत पीसता है या अपने जबड़े को जकड़ लेता है। आमतौर पर ऐसा तब होता है जब व्यक्ति सो रहा होता है। लेकिन दिन में दांत पीसने के मामले भी देखे गए है। बच्चों और व्यसकों दोनों में ही दांत पीसना देखा गया है। इसके अधिकतर मामले अपने आप से ही ठीक हो जाते है। लेकिन अगर ऐसा न हो तो दांत पीसने से दांतो को गंभीर हानि हो सकती है, जबड़े में दर्द और सूजन आ सकती है और लम्बे समय में जबड़े की मांसपेशियों को भी नुकसान हो सकता है।
कैसे पता चलेगा कि आप दांत पीसते हैं या नहीं?
चूंकि ब्रुक्सिज्म आमतौर पर अचेतन अवस्था में होता है इसलिए आपको ऐसा करना याद नहीं रहता है। अगर यह कम सयम में खुद से ही ठीक हो जाता है तो हो सकता है की आपको ऐसा करने का कभी पता ही न चलें। लेकिन अगर यह लम्बे समय तक चलता रहता है तो कुछ इस तरह के दांत पीसने के लक्षण मेहसूस किए जा सकते है:
- दांत कमज़ोर होना या टूटना
- दांत में सेंसिटिविटी बड़ना
- मसूड़ों में दर्द
- जबड़े में या उसके आसपास दर्द और अकड़न
- लगातार सरदर्द होना
क्यूंकि दांत पीसना एक नींद की बीमारी है, इसलिए इन लक्षणों पर भी ध्यान देना ज़रूरी है:
- चिंता
- डिप्रेशन
- ईटिंग डिसऑर्डर
- अनिद्रा
दांत पीसने के कारण क्या होते है?
दांत पीसने के कारण स्पष्ट नहीं है। लेकिन यह आमतौर पर तनाव, क्रोध, शराब के सेवन, धूम्रपान, अधिक कॉफ़ी/चाय पीना या थकान से जुड़ा होता है। कुछ दवाओं का उपयोग भी एक कारण हो सकता है। हालांकि, यह देखा गया है कि जो लोग अपने दाँत पीसते हैं, उन्हें अक्सर नींद की अन्य बीमारियाँ होती है। अधिकतर मामलो में ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया देखा गया है। यह एक ऐसी नींद की बीमारी है जिसमें नींद के दौरान सांस बाधित होती है। इस वजह से आपको एक अच्छी नींद के लाभ नहीं मिल पाते है और नींद से जुड़ी बिमारियों का खतरा बड़ जाता है। स्लीप एपनिया का खतरा भी उन लोगो को ज़्यादा होता है जिन्हें उच्च रक्तचाप, कैंसर, दिल के रोग, मधुमेह या मोटापे की शिकायत होती है।
दूसरी ओर, बच्चों में दांत पीसने के कारण वयस्कों में दांत पीसने के कारणों से अलग हो सकते हैं। अगर बच्चों के ऊपर और नीचे के दांत संरेखण में न हो तो वह दांत पीस सकते है। या फिर वह ऐसा अपने कान का दर्द कम करने के लिए भी कर सकते है। तनाव और गुस्सा भी एक कारण हो सकता है। अतिसक्रिय बच्चे भी ब्रुक्सिज्म के शिकार बनते हैं।
क्या दांत पीसना हानिकारक है?
जैसा की आप अब जानते है, दांत पीसने से दांतों और मसूड़ों पर दबाव पड़ता है और वह कमज़ोर हो सकते है। आपके दांतो की सेंसिटिविटी बड़ सकती है और वह टूट भी सकते है। जबड़े की हड्डी भी अकड़न के कारण कमज़ोर हो सकती है। दांतो को फिर से मज़बूत करने के लिए रुट कैनाल, क्राउन या इम्प्लांट जैसे उपचारों की ज़रूरत पड़ सकती है।
इसके आलावा क्यूंकि ब्रूक्सिस्म एक स्लीप डिसऑर्डर है जो अक्सर स्लीप एपनिया या अन्य स्लीप डिसऑर्डर्स के साथ होता है, ये आपकी सेहत के लिए गंभीर मुद्दे बन सकते है। इसलिए इनका परिक्षण करवाना ज़रूरी है। साथ ही मधुमेह, मोटापे और उच्च रक्तचाप की जाँच करवाना भी आवश्यक है क्यूंकि यह स्लीप एपनिया का कारण बनते है।
दांत पीसने का निदान और उपचार कैसे किया जाता है?
कई बार दांत पीसना गंभीर नहीं होता है और अपने आप रुक जाता है। लेकिन अगर यह लंबे समय तक जारी रहता है और आप ऊपर चर्चा किए गए लक्षणों को नोटिस करना शुरू करते हैं, तो, यह आपके दंत चिकित्सक का दौरा करने का समय है। हालांकि आपका दंत चिकित्सक एक सटीक निदान नहीं कर सकता है, फिर भी, वह आपके दांतों के नुकसान की जांच करेगा और उचित उपचार बताएगा। वह आपको माउथ गार्ड इस्तेमाल करने का सुझाव भी दे सकता है जिसका उपयोग आप सोने के दौरान अपने दांतों को नुकसान से बचाने के लिए कर सकते है। पर यह भी जान लें की माउथ गार्ड स्लीप एपनिया को बदतर कर सकता है। इसलिए इसका इस्तेमाल करने में सावधानी बरतें।
(इस आर्टिकल को इंग्लिश में पढ़ें)