अब तक सभी लोग जानते है कि कोरोनावायरस एक प्रकार का रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन (respiratory infection) है। इसके सामान्य लक्षणों में सर्दी, खाँसी और सांस लेने में कठिनाई शामिल है। हालाँकि कोरोनावायरस हमारे लिए नयी बीमरि है लेकिन ऐसे कई रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन है जिनसे हम सदियों से जूझ रहे है।
कुछ लोगों को इन इन्फेक्शन का खतरा अन्य लोगों से ज़्यादा हो सकता है। जीन इसकी एक वजह हो सकती है। दूसरी वजहों में जीवनशैली और पर्यावरणीय जोखिम शामिल है। इसलिए आज हम यहाँ ऐसे ही कुछ आम रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन्स के बारे में जानेंगें जो हर किसी को प्रभावित कर सकते है। साथ ही हम यह भी जानेंगें की आप इनसे बचने के लिए क्या कर सकते है।
रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन के प्रकार
रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन दो प्रकारो में बाटे हुए है: ऊपरी रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन (upper respiratory infection) और निचला रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन (lower respiratory infection)। असल में हमारे शरीर की श्वसन प्रणाली (respiratory tract) में नाक, मुँह, साइनस, गला, वौइस् बॉक्स, विंडपाइप और लंग्स शामिल है। तो ऐसे इन्फेक्शन जो रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट के ऊपरी भाग पर असर डालते है उन्हें ऊपरी रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन कहा जाता है और जो इन्फेक्शन रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट के निचले भाग पर असर डालते है उन्हें निचला रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन कहा जाता जाता है। इन दोनों के लक्षण एक जैसे हो सकते है। सर्दी, खांसी, फ्लू, टॉन्सिलिटिस, सीने में जकड़न और साँस की तकलीफ सबसे ज़्यादा देखे जाने वाले कुछ लक्षण है।
कुछ मामूली रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन
काली खांसी
काली खांसी बोर्डेटेला पर्टुसिस बैक्टीरिया की वजह से होती है। यह बैक्टीरिया बहुत संक्रामक होता है और अनियंत्रित खांसी की वजह बनता है। खांसी के ऐसे दौरे दर्दनाक और थकान करने वाले हो सकते है। इस दौरान लंग्स में से सारी ऑक्सीजन निकल जाती है और आप तेज़ी से सांस लेने के लिए मजबूर हो जाते है। छोटे बच्चे और कमज़ोर इम्युनिटी वाले लोगों को इसका अधिक खतरा रहता है।
सुरक्षित रहने का एकमात्र तरीका इसके लिए टीका लगवाना है। टीका बच्चों और वयस्कों दोनों के लिए ज़रूरी है।
स्वाइन फ्लू (H1N1)
स्वाइन फ्लू इन्फ्लुएंजा ए (influenza A) वायरस के कारण होता है। सालों पहले यह उन लोगों को होता था जो सूअरों के सीधे संपर्क में आते थे लेकिन अब ऐसा नहीं है। किसी संक्रमित व्यक्ति जो खांस रहा हो या छींक रहा हो उसके संपर्क में आने से आपको भी यह इन्फेक्शन हो सकता है। बुखार, सर दर्द, ठण्ड लगना, मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों में दर्द, उलटी और दस्त स्वाइन फ्लू के लक्षण हो सकते है। आप खुद को स्वाइन फ्लू से बचाने के लिए इसका टीका लगवा सकते है।
फ्लू (flu)
फ्लू इन्फ्लुएंजा ए या बी के कारण होता है। यह बड़ो और बच्चों को प्रभावित कर सकता है। लेकिन जिन लोगों की इम्युनिटी कमज़ोर है उनको इसका ज़्यादा खतरा रहता है। यह खांसी, छींकने और बात करते समय फ़ैल सकता है। बुखार, ठण्ड लगना, गले में दर्द, भरी हुई नाक, मांसपेशियों में दर्द, सर दर्द, थकान, उलटी और दस्त फ्लू के लक्षण हो सकते है। बड़ो में फ्लू के बिगड़ने की वजह से निमोनिया, कान का इन्फेक्शन, साइनस इन्फेक्शन, निर्जलीकरण जैसी बीमारियां हो सकती है। बच्चों और बड़ो को फ्लू से बचने के लिए हर साल फ्लू शॉट्स (flu shots) लगवाने की सलहा दी जाती है।
क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD)
COPD फेफड़ों की एक लम्बी बीमारी है जो फेफड़ों में हवा के प्रभाव पर असर डालती है। इसमें लोग अक्सर साँस की तकलीफ, खांसी, बलगम और घरघराहट महसूस करते है। धूम्रपान इस बीमारी का सबसे आम कारण है। जीन भी इसका एक कारण हो सकते है। COPD के ज़्यादातर मामले लम्बे समय तक पहचान में नहीं आते है क्योंकि लोग अक्सर इसके लक्षणों को नज़रअंदाज़ कर देते है।
अस्थमा
अस्थमा साँस की एक लम्बी बीमारी है। इसके कारण साँस लेने में मुश्किल हो सकती है। सूखी खांसी, घरघराहट, सीने में जकड़न और साँस की तकलीफ इसके कुछ लक्षण है। इन्फेक्शन और प्रदूषण अस्थमा के दौरे का कारण बन सकते है।
निमोनिया
निमोनिया वायरल, बैक्टीरियल और फंगल हो सकता है। यह फेड़ों में इन्फेक्शन होने के कारण होता है। खांसी, बुखार, ठण्ड लगना और साँस की तकलीफ इसके ज़्यादातर देखे जाने वाले लक्षण है। ज़्यादातर लोग निमोनिया से कुछ ही हफ्तों में ठीक हो जाते है लेकिन कुछ लोग खासतौर पर 5 साल से कम उम्र वाले बच्चों के लिए यह जानलेवा हो सकता है। डायबिटीज और दिल की बीमारी जैसी स्तिथियाँ निमोनिया के खतरे को बढ़ा सकती है।
स्वच्छता नियमों का पालन कर निमोनिया के खतरे को कम किया जा सकता है। इसलिए कम से कम 20 सेकंड तक अपने हाथ धोएं; नाक, कान, मुँह और आखों को न छुए और लोगों से उचित दूरी बना कर रखें। टिका लगवा कर भी आप इसके खतरे को कम कर सकते है।
ब्रोंकाइटिस
ब्रोंकाइटिस में फेफड़ों के अंदर सूजन आ जाती है और बलगम बनने लगता है जिसकी वजह से खांसी होती है। संक्रमित व्यक्ति को थकान, शरीर में दर्द, सिरदर्द और गले में खराश हो सकती है। ब्रोंकाइटिस कुछ महीनों से ले कर कुछ सालों तक रह सकता है। धूम्रपान इसकी एक बड़ी वजह है। हालाँकि धूल, एलर्जी और जहरीली गैसें भी इसका कारण बन सकती है।
COVID-19
COVID-19 कोरोनावायरस के 7 प्रकारों में से एक है। यह आपके ऊपरी और निचले रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट को प्रभावित कर सकता है। खांसी, ज़ुखाम, बुखार, ठण्ड लगना, स्वाद और गंध को न पहचान पाना, साँस की कमी, और थकान इसके लक्षण है। कुछ रोगियों में इसके हलके लक्षण देखे गए है और कुछ रोगियों के लिए यह बीमारी जानलेवा बन गयी है। इस बीमारी को अच्छे से समझने के इस पर खोज जारी है। स्वस्थ इम्युनिटी और आवश्यक सावधानियों का पालन कर आप खुद को इससे बचा सकते है।