Contributed by – Healthians Team

हम सभी के जीवन में हॉर्मोंस एक बड़ी भूमिका निभाते हैं। हार्मोनस हमारी सेहत के लिए ज़िम्मेदार होतें हैंशरीर के वजन, लम्बाई, व्यवहार, पाचन, प्रजनन क्षमता, स्वास्थ्य, लगभग हर चीज आपके हार्मोन द्वारा प्रबंधित और निर्धारित होती हैं। हमारा स्वभाव, पसंद और नापसंद सब हॉर्मोंस पर निर्भर करता हैं। यहाँ तक की हमारे रिश्तों पर भी हमारे हॉर्मोंस का असर पड़ता हैं। जाने अनजाने हमारी सेहत और व्यवहार दोनों पर हॉर्मोंस का प्रभाव हैं।   

हम सभी को पता हैं की अच्छी सेहत के लिए सही हार्मोनल बैलेंस होना बहुत ज़रूरी हैं। होर्मोनेस आखिर हमारे शरीर में उत्पन होने वाले रसायन  हैं जो बहुत सारे शारीरिक कार्यों के लिए जिम्मेदार होते हैं। इन हॉर्मोंस की कमी या ज़्यादा मात्रा में उत्पन्न होने से जीवन में उथल पुथल मच जाती हैं। आज कल के हमारी व्यस्थ जीवन शैली की वजह से हार्मोनल इम्बैलेंस की परेशानियां बढ़ गयी हैं। 

पर क्या आपको पता हैं की हम अपने दिनचर्या की कुछ आदतें बदल कर और कुछ अच्छी आदतों को अपने जीवन का हिस्सा बना कर अच्छी सेहत पा सकते हैं। ऐसे ही कुछ उपायें नीचे दिए गए हैं। आइये इन नुस्खों को अपने जीवन में अपनाएं और एक सेहतमंद जीवन की ओर बढ़ें।   

Hormonal Imbalance - Healthians

हार्मोनल बैलेंस के लिये अपनाएं कुछ उपाये 

भोजन जीवन की प्राथमिकता होनी चाहियें – समय पर और स्वस्थ्य भोजन करने से न कि हम सिर्फ हार्मोनल बैलेंस बल्कि अच्छे स्वास्थ्य को भी अपनाते है। इसलिये बहुत ज़रूरी है खाने पर पूरा ध्यान देना। रोजमर्या के कार्यों में मशगूल हम अक्सर अपने सेहत को भूल जातें हैं । समय पर भोजन न करना तथा अन्हेल्थी भोजन हमें बिमारियों के करीब और अच्छी सेहत से दूर ले जाता हैं। सभी आवश्यक पोषक तत्वों के साथ अपने आहार की योजना बनाएं और संतुलित और पौष्टिक आहार समय पर करें। 

तनावपूर्ण जीवन सेहत पर बुरा असर डालता है –  तनाव ब्लड प्रेशर, दिल की परेशानियां, मधुमेह और अनेक बिमारियों को निमंत्रण देता है। तनाव का बहुत बड़ा कारण हार्मोनल इम्बैलेंस भी है। कोर्टिसोल – जो तनाव हार्मोन है, आपके शरीर को तनाव से निपटने में मदद करता हैं। अपने पसंद के संगीत सुने, स्पा के लिए जाएं, अपने पसंद की चीज़ें करें। ज़रूरी है कि हम इस बात का ख्याल रखें और हार्मोनल परेशानियों से बचें।

दर्द निवारक और जन्म नियंत्रण गोलियों का सेवन कम से कम करें – यह दोनों दवाएं शरीर में हार्मोनल इम्बैलेंस ट्रिगर करती हैं और लम्बे समय के लिये परेशानियां उत्पन्न कर सकती हैं। जब तक बहुत ज़रूरी न हो इन दवाइयों के सेवन से बचें। 

नींद का सही पैटर्न हार्मोनल बैलेंस के लिये ज़रूरी है – सहीं समय पर नींद लेना और पूरा आराम शरीर को तरो-ताज़ा करता हैं, आंतरिक शक्ति प्रदान करता है और बिमारियों से लड़ने में मद्दत करता हैं। हॉर्मोस को नियंत्रण में रहने के लिए सही समय पे सोना और पूरी नींद लेना अनिवार्य है।   

अपने खान पान पे ध्यान दें – ओट्स, अनार, फूलगोभी, डार्क चॉकलेट, दालचीनी, गाजर, ब्रोकली, फ्लेक्ससीड, अदरक, लहसुन, कालीमिर्च आदि खाने की चीज़ें हार्मोनल बैलेंस बनाने और मूड स्विंग्स से बचने में मददगार है। हल्दी सिर्फ हमारे खाने में रंग नहीं डालती हैं बल्कि होर्मोनेस को नियंत्रित करने में भी मदद करती हैं। ड्राई फ्रूट्स रोज़ खाएं। बादाम, काजू आदि पौष्टिक हैं और सेहत के लिए बहुत लाभकारी भी। 

कॉफ़ी का सेवन कम करें और ज़्यादा से ज़्यादा पानी पीयें- हार्मोनल इम्बैलेंस से अक्सर पाचन और वजन सम्बन्धी समस्यायें होती हैं। कैफीन का ज़्यादा मात्रा हमारे शरीर में काफी परेशानियों को जन्म दे सकती हैं। इसलियें ज़रूरी हैं की कॉफ़ी कम पीयें और ज़्यादा से ज़्यादा पानी पीएं। पानी शरीर को डिटॉक्सीफाई करने का सबसे अच्छा तरीका हैं।

नारियल तेल को अपने डाइट का ज़रूरी भाग बनायें – नारियल का तेल हार्मोनल बैलेंस बनाएं रखने और वजन संतुलित रखने में मदद करता हैं। इसे अपने डाइट में ज़रूर शामिल करें।

व्यायाम के लिए समय निकालें – शारीरिक अभ्यास हॉर्मोंस को नियंत्रित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। रोज़ समय निकालें और व्यायाम करें। सप्ताह में कम से कम 5 दिन व्यायाम के लिये आधे घंटे का समय ज़रूर निकालें। योग हार्मोनल बैलेंस बनाए में बहुत लाभकारी सिद्ध हुआ हैं। उसे ज़रूर अपनाएं। 

नशें से दूर रहे– शराब को आदत न बनाएं। शराब हमारे शरीर में उथल पुथल मचने में सक्षम हैं इसलिए ज़रूरी है कि अगर शराब पीएं भी तोह नियंत्रण में। सभी प्रकार के नशे से दूर रहे। 

इन उपायों को अपनाएं और सेहतमंद जीवन की तरफ कदम बढ़ाएं। 

 

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