Contributed by – Healthians Team
कोलन कैंसर एक प्रकार का कैंसर है जो आमतौर पर वृद्ध लोगों में होता है। यह एक पॉलीप के रूप में शुरू होता है जो कोशिकाओं का एक समूह है। अगर इसे अनुपचारित छोड़ दिया जाए तो यह कैंसर कोशिकाओं को जन्म दे सकता है। यह कोशिकाएं शरीर के विभिन्न अंग जैसे हड्डियाँ, फेफड़े और यकृत में फ़ैल सकती हैं। इसको कभी-कभी कोलोरेक्टल कैंसर भी कहा जाता है। कोलन कैंसर की विडंबना यह है कि यह तब तक कोई बड़ा संकेत या लक्षण नहीं दिखाता है जब तक की यह पॉलीप्स से कैंसर में विकसित नहीं हो जाते है। इसलिए इसको इसके प्रारंभिक स्तर पर पहचानना मुश्किल है।
कोलन कैंसर के प्रकार
कोलन में 4 अलग-अलग भाग होते है। किसी भी हिस्से में कोलन कैंसर हो सकता है। कोलोरेक्टल कैंसर में कोलन के साथ मलाशय भी शामिल है। कोलन कैंसर में सबसे आम प्रकार की कोशिकाएं एडेनोकार्सिनोमा हैं। अन्य प्रकार के कोलन कैंसर दुर्लभ हैं लेकिन इसमें शामिल हैं:
- कार्सिनॉइडट्यूमर
- गैस्ट्रोइंटेस्टाइनलस्ट्रोमल ट्यूमर
- लिंफोमा
- वंशानुगतकोलन कैंसर
कोलन कैंसर के कारण
किसी भी अध्ययन में कोलन कैंसर का कारण स्पष्ट नहीं हुआ है। हालांकि कोलन कैंसर का खतरा इन स्थितियों में अधिक हो सकता है:
- परिवार में कोलन कैंसर का इतिहास
- शरीर के किसी अन्य भाग जैसे गर्भाशय, गले, फेफड़े या रक्त में प्राथमिक कैंसर
- अल्सरेटिवकोलाइटिस या क्रोहन रोग
- बृहदान्त्र में एडिनोमेटस पॉलीप्स
- कोलोरेक्टलमार्ग में किसी भी प्रकार की वृद्धि
- आनुवंशिक असामान्यताएं
कोलन कैंसर के लक्षण
कैंसर कोशिकाएँ प्रारंभिक संक्रमण में कोई बड़ा लक्षण नहीं दिखाती है। कोलन कैंसर के लक्षण तब ही दीखते है जब पोलिप बढ़कर कैंसर बन जाता है। इसके लक्षण कुछ इस प्रकार हो सकते है:
- आंत्र की आदतों में निरंतर परिवर्तन
- मल की स्थिरता में बदलाव
- वजन और भूख की अस्पष्टीकृत कमी
- लगातार मतली या उल्टी
- पेट बढ़ाना
- मल त्याग के दौरान दर्द
- मल में रक्तस्राव
- दुर्बलता
- रेक्टल दर्द
कोलन कैंसर से बचाव
कोलन कैंसर का कोई विशेष कारण नहीं है। हालांकि, एक स्वस्थ आंत का होना कोलन कैंसर को रोकने का एक तरीका है। स्वस्थ आंत पाने के लिए निम्नलिखित दिशानिर्देशों का पालन करें:
- बड़ी मात्रा में रेशेदार आहार लें जिसमें सब्जियां, फल और साबुत अनाज शामिल हों
- ऐसे खाद्य पदार्थों से बचें जिनमें बहुत अधिक मसाले और तेल हों
- शराब की नियंत्रित मात्रा रखें
- धूम्रपान बंद करें
- नियमित रूप से व्यायाम करें
- बिना तनाव के शौच करें
- अपने आप को हाइड्रेटेड रखें
- एक अच्छा BMI बनाए रखें
अगर आपको कोई भी गैस्ट्रिक समस्या है तो आज ही स्वास्थ्य चिकित्सक से बात करें। जितनी जल्दी आप अपनी जाँच करवाएंगें, उतना आसान आपका इलाज होगा।
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