Contributed by – Healthians Team
हमारी जीवनशैली का हमारे स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है। प्रतियेक गतिविधि हमारे शरीर की बीमारियों से लड़ने की क्षमता निर्धारित करती है। आज दवाएं हमारे जीवन का एक स्वीकृत हिस्सा बन गई हैं। निराशाजनक बात यह है कि इनमें से अधिकांश दवाएं ऐसी स्थितियों का इलाज करती हैं जिन्हें थोड़े अनुशासन और आत्म-नियंत्रण द्वारा रोका जा सकता है। लेकिन आत्म-अनुशासन आसान नहीं है। इसे जीवन जीने का तरीका बनाने से पहले धैर्य और अभ्यास की आवश्यकता है। इसलिए आज हम बात करेंगे की कैसे आत्म अनुशासन से जीवन को सेहतमंद बनाया जा सकता है।
अपना कारण स्पष्ट करें
जब आप कुछ करना चाहते हैं तो एक कारण प्रेरक के रूप में काम करता है। तर्क करने की हमारी क्षमता हमें निर्णय लेने में मदद करती है। इसलिए यह तय करना अनिवार्य है कि वह कारण क्या है जो आपको एक निश्चित कार्य करने के लिए कह रहा है। कुछ लोगों के लिए स्वस्थ जीवनशैली में बदलाव का कारण बीमारियों से बचना हो सकता है। वही दूसरी ओर कुछ लोगों के लिए अच्छा दिखना उनका कारण हो सकता है। जब आपका कारण आपके सामने होगा तो यह आपको ध्यान केंद्रित करने में मदद करेगा। मान लीजिए कि आप जंक फूड छोड़ना चाहते हैं। इसलिए खुद से पूछें कि आप ऐसा क्यों करना चाहते हैं। क्या यह इसलिए है क्योंकि आपका वजन बढ़ा रहा हैं, या क्योंकि इससे आपको कुछ स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं? एक बार जब आपके पास एक स्पष्ट कारण होता है तो इसे लिखें। यह आपके प्रेरक कारक के रूप में काम करेगा और आपको याद दिलाएगा की आपने यह रास्ता क्यों चुना था।
अपनी कमज़ोरियों को पहचाने
हर किसी की अपनी अलग कमज़ोरियाँ होती है। किसी के लिए देर तक सोना उनकी कमज़ोरी हो सकती, तो किसी के लिए चॉकलेट। आपको यह समझने की ज़रूरत है कि आपकी कमज़ोरियां क्या हैं। अपनी कमज़ोरियों को पहचान कर आप उनसे लड़ने के लिए खुद पर काम कर सकते है। अगर किसी का उदेश्य जंक फ़ूड के सेवन को कम करना है तो पिज़्ज़ा और बर्गर उनकी कमज़ोरी के रूप में काम करेगा। इसके लिए अपने घर में से सभी जंक फ़ूड को स्वस्थ भोजन से बदल सकते है। जब तक ये चीज़े आपकी नज़रों से दूर रहेगी, आप अपने लक्ष्य से नहीं भटकेंगे।
एक कार्य योजना तैयार करें
एक्शन प्लान का होना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उन चरणों का पता लगाने में मदद करता है जिनका पालन करना आवश्यक है। अपने चरणों के बारे में सुनिश्चित करने के लिए साप्ताहिक आधार पर एक टू-डू सूची बनाएं। इसमें बैंक और किराने की दुकान पर जाने जैसी चीजें भी शामिल करें। अगर आप मूवी देखना चाहते है तो वो भी इस सूची में डालें। यह आपको अपने समय का अधिक कुशलता से उपयोग करने में मदद करेगा। अपने कार्यों को प्राथमिकता के अनुसार लिखें। इससे आप तनाव से बचेंगे। बेशक अलग-अलग लक्ष्यों के साथ, योजनाएं अलग-अलग होंगी। लेकिन इस तरीके से आप अपने समय का प्रभावी ढंग से उपयोग कर पाएंगे।
धीरे-धीरे बदलाव लाएं
इस आत्म-अनुशासन यात्रा को शुरू करने से पहले एक आवश्यक बात जो आपको समझनी होगी वह यह है कि आप एक दिन में अपने जीवन में बड़े बदलाव नहीं ला सकते हैं। हम अक्सर सोचते हैं कि “सोमवार से मैं पूरी तरह से जंक खाना बंद कर दूंगा” या “मैं सुबह 5 बजे उठूंगा”। लेकिन बात यह है कि हमारे शरीर को इन परिवर्तनों के अनुकूल होने के लिए अपने समय की आवश्यकता होती है। इसलिए जब आप योजना बनाते हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप छोटे बदलाव जोड़ें। जैसे की अगर आप व्यायाम करना चाहते है तो पहले आसान कसरतों से शुरू करें और धीरे धीरे वज़न उठाने वाली कसरतों पर जाए। यह आपके शरीर को परिवर्तनों के अनुकूल होने के लिए समय देगा और आपको अपने लक्ष्य को हासिल करने में भी मदद करेगा।
बैकअप योजना तैयार रखें
हम जितनी मर्ज़ी योजनाए बना लें, ऐसे कुछ दिन ज़रूर आते है जब हमे अचानक कही बाहर जाना पड़ता जिसकी वजह से हमारी योजना ख़राब हो जाती है। यदि आपके पास बैकअप प्लान नहीं है, तो इन चीज़ो से निपटना आपके लिए मुश्किल हो सकता है। जब भी आप ऐसी जगहों पर जाएं तो अपने आप को अपने “कारण” की याद दिलाएं। इससे आप अस्वस्थ गतिविधियों में शामिल नहीं होंगे और अपने लक्ष्य से नहीं भटकेंगे। अपने आप को एक बैकअप योजना देकर आप अपनी इच्छा शक्ति को भी बढ़ा सकते हैं, जिससे ऐसी स्थितियों से निपटना आसान हो जाएगा।
खुद को पुरस्कृत करें
आपने देखा होगा की जब छोटे बच्चे कुछ अच्छा काम करते है तो उन्हें शाबाशी मिलती है और पुरुस्कृत किया जाता है। उनका इनाम उन्हें अच्छा प्रदर्शन जारी रखने के लिए प्रेरित करता है। इसी तरह जब भी हम एक उपलब्धि हासिल करते हैं तो खुद को पुरस्कृत करना आवश्यक है। जब भी आप एक सप्ताह के लिए अपनी टू-डू सूची का पालन करने में सक्षम होते हैं, तो अपने आप को कुछ ऐसी चीज़ से पुरस्कृत करें जो आपको खुश करे। आप अपने पसंदीदा रेस्तरां में भोजन के लिए जा सकते है या खुद के लिए शॉपिंग कर सकते है। कई बार ऐसे दिन भी आते है जब हमारा बिलकुल कुछ करने का मन नहीं करता है। ऐसे दिनों में वही करें जो आपका करने का मन कर रहा हो। हो सकता है की आपका शरीर आपको इशारा कर रहा हो की उसे आराम की ज़रूरत है। ऐसे संकेतों को समझे लेकिन अपनी योजना पर जल्द से जल्द वापिस आए।
आत्म-अनुशासन सफलता की कुंजी है। अगर आप कुछ करने की ठान लें तोआत्म-अनुशासन की मदद से उसे ज़रूर हासिल कर सकते है।