Contributed by – Healthians Team
आजकल की जीवनशैली के चलते बच्चे भी मोटापे की चपेट में आ रहे है। इसे “चाइल्डहुड ओबेसिटी” भी कहते है। यह मोटापा आगे चलकर उन बच्चों में कई बिमारियों को जन्म दे सकता है। अपने बच्चों को कैंसर, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और मधुमेह जैसी बिमारियों से बचाने के उनका ध्यान रखना आपकी ज़िम्मेदारी है। अगर आपके बच्चे का वज़न ज़्यादा है या वह अलसी या ओबीस है तो आपको उसे चुस्त और स्वस्थ बनाने के लिए प्रबंध करने होंगे।
आपका सबसे पहला कदम यह पहचानना है कि आपका बच्चा मोटापे से जूझ रहा है या नहीं। हर बच्चा अपने अलग तरीके से बढ़ता है। इसलिए आप सिर्फ उन्हें देखकर उनके वज़न का अंदाज़ा नहीं लगा सकते है। आपको आपके बच्चो के डॉक्टर की सलहा लेनी होगी। डॉक्टर आपके बच्चे के बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) की गणना करेगा और आपको परिणाम के बारे में सूचित करेगा। यदि आपका बच्चा अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त है, तो निम्नलिखित सुझाव आपको अपने बच्चे की वज़न कम करने में मदद करेंगें।
मोटापे से ग्रस्त बच्चों की मदद कैसे करें?
उनके लिए उदाहरण बने
बच्चे अपने आस-पास जो देखते है वो ही सीखते है। इसलिए आपको अपनी आदतों पर नज़र डालने की ज़रूरत है। वरना बच्चों को अच्छी आदतें सीखना बहुत मुश्किल हो जाएगा। अगर आप अलसी है या बाहर का अस्वस्थ खाना पसंद करते है तो सबसे पहले आपको खुद को बदलने की ज़रूरत है। अपने बच्चो के सामने स्वस्थ खाने की अच्छाइयों के बारे में चर्चा करें और उन्हें कसरत करने के लाभ बताए। ऐसा करके आप उन्हें सवस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित करेंगे और वह धीरे धीरे अपनी आदतें बदल लेंगे।
बच्चों के खाने की मात्रा नियंत्रित करें
आपको यह ध्यान देने की ज़रूरत है की आपका बच्चा एक बारी में खाने की कितनी मात्रा खा रहा है। अक्सर उन्हें परोसे गए खाने को पूरा ख़तम करने को कहा जाता है। हो सकता उन्हें उनकी ज़रूरत से ज़्यादा खाना परोसा जा रहा हो या वह परोसे गए खाने को ख़तम कर और अधिक खाने की मांग करते है तो इस वजह से भी वह ज़्यादा खाना खा रहे होंगे। इस वजह से उनका वज़न बढ़ने का खतरा है। आपको उनके खाने की इस मात्रा को नियंत्रित करना होगा। जीतनी उनकी ज़रूरत है उन्हें उतना ही खाना परोसे। और वह ज़्यादा मांगते है तो तो उन्हें थोड़ी देर इंतज़ार करने के लिए कहिए। अगर वह फिर भी मांग करते है तब ही और खाना उन्हें परोसे है। इस तरह वह ज़रूरत के हिसाब से ही खाएंगे।
घर में स्वस्थ भोजन पकाएं
आपका बच्चा अधिकांश खाना घर में ही खाता है। इसलिए सुनिश्चित करें की घर में स्वस्थ खाना बना हो। यदि आपके घर में चिप्स, चॉकलेट या आइस क्रीम रखी रहती है तो उन्हें हटा कर फल, सब्ज़ियां या ड्राइड फ्रूट्स जैसे चीज़े रख लें। कोल्ड ड्रिंक्स की जगह जूस ले आए जिसमें चीनी न हो। उन्हें अधिक से अधिक पानी पीने के लिए प्रेरित करें। लेकिन ध्यान रखें की उनके लिए इतने बदलाव अचानक न आए। एक एक कर आदतें बदलें ताकि उनके पास उन्हें अपनाने का समय हो। इस तरह वह ज़िद नहीं करेंगे और आपकी बात मनगंगे।
उनका टीवी देखने का समय कम करें
आजकल पार्क में खेलने की बजाए बच्चे फ़ोन पर या कंप्यूटर पर वीडियो गेम्स खेलना ज़्यादा पसंद करते है। वह टीवी पर भी फिल्मे देखते रहते है। इस वजह से उनकी शारीरिक गतिविधियां बहुत कम हो गयी है। क्यूंकि उनकी उम्र के लिए उनका खेलना-कूदना ज़रूरी है तो आपको उनकी शारीरिक गतिविधि बढ़ने की कोशिशे करनी होगी। आप उन्हें 1-2 घंटे से ज़्यादा टीवी देखने की अनुमति न दें। उनके कमरे में से टीवी, कंप्यूटर या फ़ोन हटा दें। ऐसा करने से उनकी नींद में भी सुधर होगा। क्यूंकि ख़राब नींद भी ओबेसिटी की एक वजह है तो ऐसा कर आपको मदद मिलेगी।
बच्चों की शारीरिक गतिविधि बढ़ाएं
बच्चों को प्रतिदिन 60 मिनट की शारीरिक गतिविधि की आवश्यकता होती है। ज़रूरी नहीं की वह यह एक बार में करें। 10-10 मिनट करके भी वह यह ज़रूरत पूरी कर सकते है। अपने बच्चो को उनकी रुचि पहचानने में मदद करें। उन्हें खेल की टीम या क्लब में जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करें। अगर आप जॉग पर जाते है या कसरत करते है तो बच्चो को अपने साथ बुलाए और उनकी कसरत में उनकी मदद करें। इस तरह आपको उनके साथ अधिक समय बिताने का मौका भी मिलेगा और उनकी शारीरिक गतिविधि भी बढ़ेगी।
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