जब आप खाते है तो आपकी स्वाद और गंध की इन्द्रियाँ साथ में काम करती है। स्वाद की इन्द्रियां खट्टे या मीठे जैसे स्वादों को पहचानती है और गंध की इन्द्रियां खाने की खुशबू का आनंद लेने में मदद करती है। इन इन्द्रियों के काम पर वैसे को किसी का ध्यान नहीं जाता है लेकिन जब यह काम करना बंद कर देती है तब ही हमें इनकी अहमियत का एहसास होता है।
हाल ही में पता चला है कि स्वाद और गंध की इन्द्रियों का नुकसान कोरोनावायरस का शुरुआती लक्षण हो सकता है। इसलिए अब इन पर ध्यान देने ही ज़रूरत है। यहाँ हम स्वाद और गंध की इन्द्रियों के नुसकान के कुछ अन्य कारणों पर चर्चा करेंगें।
स्वाद और गंध की इन्द्रियों के नुकसान के कारण
Ageusia
इसमें स्वाद की इन्द्रियाँ पूरी तरह चली जाती है। इसके कारण आप किसी भी तरह के स्वाद का पता नहीं लगा पाएंगें। हालाँकि यह बहुत कम देखने को मिलता है। एक अध्ययन में पता चला है की सिर्फ 3% लोग ही यह बीमारी प्रभावित करती है।
Dysgeusia
यह स्वाद की इन्द्रियों का आंशिक नुकसान है। इसमें हो सकता है की आपके मुँह में एक ही तरह का स्वाद बना रहे जिसकी वजह से आप दूसरे स्वादों को नहीं पहचान पाएंगें या सभी स्वाद एक जैसे लगेंगें।
Hypogeusia
यह स्वाद की इन्द्रियों के आंशिक नुकसान का एक और प्रकार है। इसमें हो सकता है की आप एक तरह का स्वाद न पहचान पाए। खट्टे, मीठे, नमकीन या कड़वे स्वाद में से यह कोई भी हो सकता है।
उम्र
उम्र बढ़ने के साथ-साथ स्वाद की इन्द्रियों का नुकसान हो सकता है। टेस्ट बड्स (taste buds) धीरे-धीरे काम करना कम कर देते है। शुरुआत में नमकीन और मीठे स्वाद का अनुभव होना कम होता है और फिर खट्टे और कड़वे स्वादों का अनुभव कम होने लगता है। इसी तरह गंध की इन्द्रियां भी बढ़ती उम्र के साथ कम काम करने लगती है। इस प्रक्रिया को उल्टा तो नहीं किया जा सकता है लेकिन आप डॉक्टर से चर्चा कर यह पता लगा सकते है कि इन इन्द्रियों का नुकसान किसी और वजह से न हो रहा हो।
बीमारियाँ
नाक का इन्फेक्शन, गाले एक इन्फेक्शन और साइनस जैसी बीमारियां भी गंध और सवाद की इन्द्रियों के नुकसान की वजह बनती है। सर की चोट और दांत के रोग भी एक कारण हो सकते है। कुछ मामलो में यह अल्जाइमर या पार्किंसंस के शुरुआती लक्षण भी हो सकते है।
दवाइयाँ
कुछ दवाएं भी स्वाद और गंध की इन्द्रियों के नुकसान की वजह बन सकती है। इनके कारण आपके मुँह में एक तरह का स्वाद बना रह सकता है जिसकी वजह से आप दूसरे किसी स्वाद की पहचान नहीं कर पाते है।
कैंसर का उपचार
यदि आपका कैंसर का इलाज चल रहा है तो कीमोथेरेपी, एंटीबायोटिक्स, ओपिऑइड्स और रेडिएशन आपकी स्वाद और गंध की इन्द्रियों को नुकसान पंहुचा सकते है।
धूम्रपान
तंबाकू का सेवन आपके गंध की पहचान और स्वाद के अनुभव को बदल सकता है। लेकिन जब आप इसका सेवान छोड़ देते है तो यह इन्द्रियां सामान्य रूप से काम करने लगती है।
कोरोनावायरस
कोरोनावायरस के बारे में अब भी बहुत कुछ नहीं पता है। हर दूसरे दिन इसके बारे में कुछ नया जानने को मिल रहा है। हाल ही में स्वाद और गंध की इन्द्रियों का नुकसान कोरोनावायरस के लक्षण के रूप में सामने आया है। इसलिए अगर आप इन इन्द्रियों में कुछ बदलाव महसूस करते है तो अपने डॉक्टर से ज़रूर चर्चा करें।
(इस आर्टिकल को इंग्लिश में पढ़ें)