Contributed by – Healthians Team
हर महिला को पीरियड होते है। लेकिन उसे इस बारे में खुलकर बात करने की इजाज़त नहीं है इसलिए उसे हर महीने पीरियड से अकेले जूझना पड़ता है। पुरुषों को पीरियड के बारे में आधी-अधूरी जानकारी होने की वजह से महिलाऐं ज़रूरत के समय पर भी उनपर भरोसा नहीं कर सकती है। इसलिए आज हम ऐसे ही कुछ प्रश्नों के उत्तर देंगे जिन्हें जानना सबके लिए बहुत ज़रूरी है। पुरुषों को खासतौर पर इनकी जानकारी होना ज़रूरी है।
क्या पीरियड्स दर्दभरे होते है?
सामान्य सिरदर्द और पेट दर्द जो हम सभी को होता है वह महिलाओं को पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द के बराबर नहीं होता है। पीरियड का दर्द या पीरियड क्रैम्प्स इतने तीव्र हो सकते है की एक कमरे से दूसरे कमरे तक चलकर जाना भी असंभव लग सकता है। इस वजह से कई महिलाएं अपने काम से छूती लेती है और घर पर रहकर आराम करती है। इस दर्द का मेडिकल नाम डिसमेनोरिया है। इसलिए महिलाओ को महीने के इस समय में अधिक देखभाल की ज़रूरत होती है।
मेंस्ट्रुएशन और मेंस्ट्रुअल साइकिल में क्या फर्क है?
मेंस्ट्रुएशन वह दिन होते है जब रक्त का बहाव होता है। और मेंस्ट्रुअल साइकिल एक मेंस्ट्रुएशन से अगले मेंस्ट्रुएशन तक का समय होता है। कई लोगो का मानना है की मेंस्ट्रुअल साइकिल 28-35 दिनों की होती है। लेकिन असल में यह मेंस्ट्रुअल साइकिल का सिर्फ औसत समय है। हर महिला की मेंस्ट्रुअल साइकिल अलग अलग होती है। यह औसत समय से छोटी या लम्बी हो सकती है।
पीरियड्स के दौरान महिलाऐं नार्मल व्यवहार क्यों रखती है?
महिलाओं को पीरियड के दौरान अपवित्र माना जाता है और समाज में पीरियड को लेकर खुलकर बात नहीं की जाती है। इसलिए महिलाएं पीरियड के दौरान दर्द में भी नार्मल व्यवहार रखती है ताकि किसी को पता न चले की उनके पीरियड्स चल रहे है। अगर हम सभी पीरियड्स के बारे में खुलकर बात करने लगे तो महिलाओ को अकेले में दर्द नहीं सहना पड़ेगा।
क्या पीरियड के दौरान नहाना, तैरना, मंदिर जाना सही है?
पीरियड्स के दौरान महिलाओ को मंदिर में घुसने की अनुमति नहीं दी जाती है, रसोई में जाने के लिए मन किया जाता है, नहाने के लिए मन किया जाता है, दौड़ने या तैरने के लिए मन किया जाता है, अचार से दूर रहने को कहा जाता है। ऐसी पाबंदियों की सूची बहुत लम्बी है। लोग आँख बंद कर के यह बाते मान लेते है लेकिन यह सब सिर्फ अंधविश्वास है। एक महिला को उसके पीरियड के दौरान हर वह चीज़ करने की अनुमति होनी चाहिए जो उसे सही लगे। और असल में पीरियड्स के दौरान महिलाओ को रोज़ नहाने की ज़रूरत है क्योंकि इस दौरान उन्हें इन्फेक्शन का खतरा भी ज़्यादा रहता है। आजकल मेंस्ट्रुअल हाइजीन के बारे में भी चर्चा की जा रही है। इसलिए ज़रूरी है की सब लोग इन अंधविश्वासों को मानना बंद करें।
क्या पीरियड्स व्यक्तिगत मुद्दा है?
पीरियड्स व्यक्तिगत मुद्दा नहीं है। वास्तव में मेंस्ट्रुअल हाइजीन एक सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दा है। पूरी दुनिया में कई लड़कियों को मेंस्ट्रुअल हाइजीन की चीज़े उपलब्ध नहीं है। इस चीज़ों के बारे में जानकारी न होने की वजह से स्थिति बदतर हो रही है। इसलिए पीरियड्स, पैड्स, टेम्पोंस और मेंस्ट्रुअल कप्स के बारे में खुलकर चर्चा करने की ज़रूरत है ताकि महिलाएँ सुरक्षित रह सकें।
क्या वर्जिन लड़कियाँ टेम्पोंस या कप्स इस्तेमाल कर सकती है?
पैड्स, टेम्पोंस और मेंस्ट्रुअल कप्स पीरियड्स के दौरान स्वछता बनाए रखने की चीज़ें है। हर महिला को अपनी सहूलियत के अनुसार उन्हें इस्तमाल करने की अनुमति दी जनि चाहिए। अक्सर वर्जिन लड़कियों को टेम्पोंस या कप्स इस्तमाल करने के लिए मना किया जाता है क्योंकि ऐसा करने से वह अपनी विर्जिनिटी खो देंगी। लेकिन इस बात में ज़रा भी सच्चाई नहीं है। एक लड़की विर्जिनिटी सिर्फ सेक्स करने से ही खो सकती है। इन मेंस्ट्रुअल हाइजीन की चीज़ो को हर महिला तक पहुँचाने की ज़रूरत है ताकि वह सब स्वच्छ और सुरक्षित रह सकें।
पीरियड न होने का मतलब प्रेग्नेंट होना है?
पीरियड न होने का मतलब प्रेग्नेंट होना हो सकता है लेकिन यह हर किसी के लिए सच्च नहीं है। पीरियड न होना PCOS, एनीमिया, थाइरोइड, तनाव, हार्मोनल परिवर्तन, मेनोपॉज़ या अन्य कई बीमारी का लक्षण हो सकता है।
पीएमएस (PMS) क्या है?
मूड स्विंग्स, टेंडर ब्रेअस्ट्स, ब्लोटिंग, कमर दर्द, पिम्पल्स – ये सभी पीएमएस के लक्षण है जो बताते है की पीरियड आने वाले है। पीएमएस आपको शारीरिक, भावनात्मक या व्यवहारिक रूप से हर महीने प्रभावित कर सकता है।