अस्थमा के पेशेंट के लिए अक्सर अस्थमा के दौरे से बचना मुश्किल हो जाता है क्योंकि वह कई बार उसकी वजह नहीं समझ पाते है। हर अस्थमा पेशेंट के लिए अलग अलग चीज़े दौरे का कारण बन सकती है। चूंकि कई मामलों में रिएक्शन कुछ घंटो बाद होता है तो कारण की पहचान करना और मुश्किल हो जाता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं की आप अपने बचाव के लिए कुछ नहीं कर सकते। सबसे पहले आपके लिए यह जानना ज़रूरी है की ऐसी क्या चीज़े है जो अक्सर अस्थमा अटैक का कारण बनती है। आज हम इन्ही के बारे में बात करेंगें
हवा में कुछ चीज़ें
जलती हुई वनस्पति से पराग, प्रदूषण या सिगरेट का धुआँ अस्थमा पेशेंट के लिए परेशानी बन सकता है। इसलिए आपको इससे बचाव करने की ज़रूरत है। अपने घर के खिड़की-दरवाज़े बंद रखें, घास काटने से बचे और धूल से खुद को दूर रखें। अपने घर में एयर कंडीशनर और डीह्यूमिडिफायर भी लगवाएँ। यह घर में से उमस और धूल जैसी चीज़े कम करने में मदद करेंगें। और अगर आपको घर से बाहर जाना है तो निकलने से पहले प्रदूषण का स्तर ज़रूर चेक कर लें।
एलर्जी
अस्थमा अटैक के अधिकतर कारण घर में ही होते है। धूल, कॉकरोच, फफूंदी और पालतू जानवर अस्थमा अटैक के कुछ सामान्य कारण है। खुद को इनसे बचाने के लिए आप अपने तकिये और गद्दों के लिए डस्ट-प्रूफ कवर का इस्तेमाल कर सकते है, जिन जगहों पर कॉकरोच होने का अधिक खतरा हो वहाँ अच्छे से सफाई करें, पानी की लीकेज ठीक करें और पालतू जानवरो को अपने बैडरूम और कपड़ो से दूर रखें।
व्यायाम
व्यायाम भी अस्थमा अटैक का एक सामान्य कारण है। इसे एक्सरसाइज इंड्यूस्ड अस्थमा कहा जाता है। एक्सरसाइज करने के 10 से 15 मिनट के अंदर आपको खांसी, सीने में जकड़न और सांस लेने में परेशानी जैसे लक्षण दिखाई देंगे। हालाँकि, अधिकांश लोगों के लिए ये लक्षण अगले 30 से 60 मिनट में चले जाते हैं। लेकिन कुछ मामलो में 6 से 10 घंटे बाद एक और अस्थमा अटैक आ सकते है।
कुछ तरह के व्यायाम अस्थमा अटैक का कारण बनते है, लेकिन व्यायाम करना स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी होता है। इसलिए अपने डॉक्टर से सलहा ले और समझे की कौन से व्यायाम आपके लिए सही है।
कुछ बीमारियाँ
कुछ वायरस, इन्फेक्शन और बीमारियाँ जो फेफड़ो को प्रभावित करती है, अस्थमा अटैक का कारण बन सकती है। उदाहरणों में इन्फ्लूएंजा, सर्दी, निमोनिया, गले में खराश और साइनसाइटिस शामिल हैं। गर्भावस्था, मोटापा, स्लीप एपनिया, फ़ूड एलर्जी और हार्मोनल परिवर्तन भी अस्थमा अटैक का कारण हो सकते है।
भावनाएं
हसना, रोना, गुस्सा या तनाव भी अस्थमा अटैक के कारण है क्योंकि यह सब आपके सांस लेने के पैटर्न को बदलते है। हालाँकि आप अपने जीवन से भावनाएँ हटा तो नहीं सकते है लेकिन ऐसे तरीके ज़रूर सीख सकते है जिससे आपकी साँसे सामान्य हो जाए और आप अस्थमा अटैक के खतरे को कम कर सके।
मौसम
ठंडी और शुष्क हवा भी अस्थमा अटैक का एक कारण है। अस्थमा पेशेंट्स के लिए उमस भी सही नहीं है क्योंकि ये फफूंदी को बढ़ाती है। ऐसे मौसम में बहार निकलने से बचे। खिड़की-दरवाज़े को बंद रखे ताकि ठंडी हवा अंदर न आ पाए। अगर बहार निकलना पड़े तो नाक और मुँह को स्कार्फ़ से अच्छी तरह से ढक लें।
दवाइयाँ
एन्टी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स और बीटा-ब्लॉकर्स अस्थमा के लक्षणों को बदतर कर सकते है। इसलिए इन्हे लेने से पहले अपने डॉक्टर की सलहा ज़रूर लें।
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