Contributed by – Healthians Team
डब्ल्यू.एच.ओ. के मुताबिक प्रतिदिन नमक का सेवन 5 ग्राम से अधिक नहीं होना चाहिए। लेकिन हम भारतीयों का प्रतिदिन नमक का सेवन लगभग 10 ग्राम है जो अनुशंसित मात्रा से दोगुना है। नियमित मात्रा में नामा का सेवन स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी है। यह खाने को भी स्वादिष्ट बनाता है। यही कारण है की कई लोग नमक के अधिक सेवन से होने वाले नुकसान के बारे में जानते हुए भी अधिक नमक खाते है। इसलिए आज हम आपको नमक के सेवन को कम करने के 7 कारण बताएंगें। यह कारण आपको नमक का सेवन आज ही कम करने के लिए प्रेरित करेंगें।
ब्लड प्रेशर
चक्कर आने पर, धुंधला दिखाई देने पर या शरीर के ठंडा पड़ने पर लोग अक्सर नमक के सेवन को बढ़ाने का सुझाव देते है। ये सभी लौ ब्लड प्रेशर के लक्षण है और ऐसी स्थिति में नमक लाभदायक हो सकता है। दूसरी ओर नमक के उच्च सेवन के कारण हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है। इसके कारण हार्ट अटैक, स्ट्रोक, किडनी की बीमारी, ब्लड वेसल्स का ख़राब होना या डेमेंशिया जैसे बिमारियों का खतरा हो सकता है। परंतु लोग हाई ब्लड प्रेशर का इलाज नहीं करवाते है क्यूँकि इसके लक्षणों के कारण रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में कोई रूकावट नहीं आती है। इस वजह से हाई ब्लड प्रेशर से जुड़ी बिमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए ज़रूरी है कि आप आज ही अपने नमक से सेवन को कम करें।
स्ट्रोक
नमक के अधिक सेवन के कारण ब्लड वेसल्स ख़राब हो सकती है जिसके कारण खून शरीर के अंगो तक नहीं पहुँच पाएगा। और स्ट्रोक तब होता है जब ब्लड सर्कुलेशन में किसी तरह की रूकावट के कारण खून और ऑक्सीजन दिमाग तक नहीं पहुँच पाते है। खून और ऑक्सीजन के बिना दिमागी कोशिकाएँ कुछ ही मिनटों में मर जाती हैं। इसके कारण डेमेंशिया जैसी दिमागी बीमारियां भी हो सकती है जिसमें दिमाग काम करने की अपनी क्षमता को खो देता है। लोगो का मानना है की बढ़ती उम्र के साथ स्ट्रोक के आने को नहीं रोका जा सकता है। लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है। स्वस्थ जीवनशैली और नमक के कम सेवन के स्ट्रोक के खतरे को ज़रूर कम किया जा सकता है।
वॉटर रिटेंशन
वॉटर रिटेंशन का मतलब है शरीर में पानी का जमाव। शरीर में नमक की पर्याप्त मात्रा डिहाइड्रेशन से बचाती है। लेकिन नमक की अधिक मात्रा के कारण शरीर में 1.5 लीटर तक पानी इकठ्ठा हो सकता है। इस वजह से आप अपना शरीर फूला हुआ मेहसूस करेंगें। इसलिए नमक के सेवन की मात्रा पर ध्यान देना ज़रूरी है।
कोरोनरी ह्रदय रोग
कोरोनरी ह्रदय रोग ब्लड वेसल्स के ख़राब हो जाने का नतीजा होता है। ब्लड वेसल्स में प्लाक के जमा होने के कारण पर्याप्त मात्रा में खून ह्रदय तक नहीं पहुँच पाता है जो लम्बे समय में हार्ट अटैक का कारण बनता है। ब्लड वेसल्स को हो रहे नुकसान को समय रहते पहचानना मुश्किल है। इससे बचने का यही तरीका है की आप स्वस्थ जीवनशैली अपनाए और नमक के सेवन को कम से कम रखें।
पेट का कैंसर
हमारे पेट में हेलिकोबैक्टर पाइलोरी नामक बैक्टीरिया होता है। शरीर में अधिक नमक होने के कारण यह बैक्टीरिया सूजन पैदा कर सकता है जो लम्बे समय में अल्सर और पेट के कैंसर का कारण बन सकती है। इस बैक्टीरिया को नियंत्रित रखने के लिए और इन बिमारियों से बचने के लिए नमक से सेवन को आज ही काम करें।
ऑस्टियोपोरोसिस
ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी स्तिथि है जिसमें हड्डियाँ कमज़ोर हो जाती है जिसके कारण फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है। नमक इसके प्रमुख कारणों में से एक है। नमक की वजह से हड्डियाँ कैल्शियम खोने लगती है। शरीर इस कैल्शियम को यूरिन द्वारा शरीर से बहार निकल देता है। हाई ब्लड प्रेशर (जो की फिरसे नमक के उच्च सेवन का कारण है) इस प्रक्रिया को तेज़ बनाता है। बढ़ती उम्र के साथ हड्डियों का कमज़ोर होना आम है। लेकिन नमक का अधिक सेवन इस स्तिथि को बदतर बना सकता है।
पथरी
पथरी किडनी में कैल्शियम जमा होने के कारण बनती है। जैसा की आप जानते है नमक के उच्च सेवन के कारण ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और हड्डियाँ कैल्शियम खोने लगती है जो यूरिन द्वारा शरीर से बहार जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान यह कैल्शियम किडनी में जमा हो सकता जो लम्बे समय में पथरी बन जाता है। यह बेहद दर्दनाक हो सकता है और किडनी के अन्य कार्यों में दखल कर सकता है। इसके आलावा, पथरी के कारण किडनी की अन्य बीमारियाँ भी हो सकती है।
एक स्वस्थ और पौष्टिक भोजन पूरी तरह से आपके नियंत्रण में है। अपने नमक के सेवन को कम कर आप इन सभी बिमारियों से खुद को बचा सकते है। अगर आप किसी भी तरह के लक्षण महसूस कर रहे है तो अपनी स्वास्थ्य जांच करवा कर अपनी सेहत की स्तिथि के बारे में जान सकते है।